खीरे की खेती के लिए मिट्टी का पीएच वैल्यू 6-7 के बीच होना चाहिए. इसकी खेती उच्च तापमान में अच्छी होती है. इसका अर्थ यह हुआ कि आप इसे अपने गांव-शहर कहीं भी इसे उपजा सकते हैं.
गर्मी के कारण इन दिनों खीरे की अच्छी डिमांड है. अन्य दिनों की बात करें, तो खीरा के बिना तो सलाद अधूरा ही रहता है. यह सेहत लिए भी फायदेमंद है.
खीरे की फसल 60 से 80 दिनों में तैयार हो जाती है. वैसे, आपको बता दें कि खीरे की खेती के लिए जमीन का PH 5.5 से 6.8 तक होना अच्छा माना गया है.
उत्तर प्रदेश के किसान दुर्गा प्रसाद ने पिछले दिनों खीरे की खेती से सिर्फ 4 महीने में 8 लाख रुपये की कमाई की. उन्होंने नीदरलैंड के खीरे की एक खास किस्म के बीज मंगाकर बुवाई की थी.
खीरे को कम लागत में अधिक कमाई देने वाली उपज माना जाता है. औसतन 50 हजार रुपये प्रति एकड़ की लागत में करीब 70 क्विंटल खीरे की फसल होती है.
मंडियों में इसका दाम 1000 से लेकर 2000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहता है. यदि औसत दाम 1500 रुपये प्रति क्विंटल भी मानें, तो प्रति एकड़ 1 लाख रुपये से ऊपर की फसल बिकती है.
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